
स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर के हार्मोन्स का संतुलन बेहद जरुरी है हार्मोन्स हमारे शारीरिक विकास,बुद्धि का विकास और यौन क्रिया आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कई हार्मोन्स ऐसे होते हैं जो थोड़ी देर तक काम करते हैं और कई ऐसे भी हार्मोन्स हैं जो लगातार काम करते रहते हैं। जब तक हार्मोन्स संतुलित रहते हैं और सही काम करते हैं तो सब ठीक है लेकिन जब ये किसी भी कारण असंतुलित हो जाते हैं तब गड़बड़ी शुरू हो जाती है।
हार्मोन्स क्या है
हार्मोन्स हमारे शरीर के वे रासायनिक मेसेंजर होते हैं जो शरीर के बाकी हिस्सों में मैसेज पहुँचाने का काम करते हैं, शरीर को क्या करना है औऱ क्या नहीं। हमारे शरीर में 200 से ज्यादा प्रकार के हार्मोन्स होते हैं। शरीर के अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग हार्मोंन्स होते हैं। ये उनको चलाने और नियंत्रित करने का काम करते हैं। हार्मोन्स हमारे शरीर के निर्माण के अलावा सेक्स,प्रजनन,मेटाबॉलिज्म,भूख,प्यास आदि को भी प्रभावित करते हैं।
हार्मोन्स असंतुलित कैसे हो जाता है
हार्मोंन्स कई कारणों से असंतुलित हो जाता है, जैसे गलत खानपान,बेढंगा दिनचर्या,एक्सरसाइज या मोर्निंग वाक ना करना, औऱ उम्र आदि। ये सारे हार्मोंन्स के असंतुलन के कारक हैं। हार्मोंन्स के प्रभाव महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग हो सकते हैं। एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन ये दोनों एक महत्वपूर्ण हार्मोंन्स हैं, जिनके असंतुलित हो जाने से शरीर पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
हार्मोंन्स के असंतुलित होने के लक्षण
महिलाओं में होने वाले लक्षण
- सेक्स इच्छा में कमी।
- सही से भूख ना लगना।
- शरीर के अनचाहे हिस्से में अचानक बाल आना।
- हमेशा चिडचिडापन रहना।
- इस समय मुहांसे ज्यादा परेशान करते हैं।
- महिलाओं के मासिक धर्म पर भी इसका असर देखने को मिलता है, इस दौरान मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दर्द,मासिक देरी से आना आदि समस्या आ सकती है।
पुरुषों में होने वाले लक्षण
- महिलाओं की तरह इनमे भी चिडचिडापन,भूख ना लगना,सेक्स में कमी आदि की समस्या होते हैं।
- उम्र से पहले शारीरिक कमजोरी लगना।
- मुहांसे का उग्र होना।
- स्पर्म का कम बनना।
- अनिद्रा या शरीर में हमेशा थकावट रहना।
- पाचन सम्बन्धी शिकायत।
हार्मोंन्स को संतुलन में कैसे लायें
गलत खान पान
सबसे पहले अपने खानपान पर ध्यान दीजिये। बाहर का तलाभुना या फास्टफूड से परहेज करें, इससे अच्छा घर बना पोष्टिक आहार लें। फल,हरी सब्जियां आदि लें। अगर आप नॉनवेज हैं तो मछली का सेवन करें। खाने में नारियल तेल शामिल करें ।कॉफ़ी,चाय आदि कम पियें। खाने में गाजर,ब्रोकली,पत्तागोभी अदि शामिल करें। ड्रायफ्रूट्स भी जरुर शामिल खायें। खाने में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन युक्त चीजें लें, पानी ज्यादा से ज्यदा पियें।
पर्याप्त नींद ना लेना
आजकल भाग दौड़ भरी जिन्दगी में थकना मना है। रात को ज्यादा देर तक जागकर काम करना और फिर सुबह जल्दी उठ जाना । इससे शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, जितना की उसे जरुरत है। भरपूर नींद ना लेने से हार्मोंन्स असंतुलित हो जाता है और शरीर और मष्तिस्क को भी आराम नहीं मिल पाता, इसलिए कम से कम 8 घंटे की नींद जरुर पूरी करें।
बेतरतीब दिनचर्या
सुबह देर से उठना दोपहर का खाना भी लेट खाना और रात का भी खाने का कोई टाइम नहीं है। ना खाने का और ना सोने का कोई टाइम है। कहीं इस भागती दुनिया में हम पीछे ना रह जाएँ। ऐसे गलत दिनचर्या भी हार्मोंन्स को असंतुलित करने में अहम् भूमिका निभाता है।एक बेहतर रूटीन तैयार कीजिये और उसे बिना किसी शर्त के फॉलो करें।
एक्सरसाइज ना करना
हर्मोंन संतुलन बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज,योगा,मोर्निंग वाक करना भी जरुरी है। अगर चाहें तो आप प्राणायाम या हल्का फुल्का व्यायाम भी कर सकते हैं। एक्सरसाइज हर्मोंन को संतुलन बनाए रखने के लिए उतना ही जरुरी है जितना की हमें स्वस्थ रखने के लिए।