
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में हर साल लगभग 7 लाख मौतें सिर्फ और सिर्फ कैंसर से हो रही हैं, इनमे से आधे से ज्यादा मामला तो गले या मुहं का कैंसर का है। एक रिपोर्ट के अनुसार गले का कैंसर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में होने के ज्यादा चांसेस रहते हैं। आजकल चाहे वो शहर हो या गाँव हो सभी जगह इस कैंसर का बोलबाला है, इसका सबसे बड़ा कारण है धुम्रपान का सेवन और तम्बाकू का प्रयोग !
गले का कैंसर क्या है?
गले का कैंसर टोंसिल्स,वोईस बॉक्स और मुहं या गले के किसी भी हिस्से में हो सकता है। ये कैंसर गले की कोशिकाएं जहाँ तक फैली है वहां तक या उससे भी ज्यादा होने का चांस रहता है, जो धुम्रपान या तम्बाकू का सेवन करते हैं तो उन्हें इसके होने चांसेस बढ़ जाते हैं।
गले के कैंसर के लक्षण !
कैंसर का सबसे अच्छा इलाज यही है की इसके प्रति जागरूक रहें, यदि आप सजग हैं तो समझिये आपने 50% इलाज करा लिया वो भी बिना किसी दवा के। गले में कैंसर के ये लक्षण हो सकते हैं -:
- गले में गांठ महसूस हो रही हो।
- आवाज बदलना या भारी होना।
- कान या गर्दन के आसपास दर्द रहना।
- खाना निगलने या साँस लेने में परेशानी।
- लम्बे समय तक खांसी या गले में खरास होना।
- हमेशा थकान बना रहना।
- नींद कम आना।
- साँस में बदबू आना।
- अपने आप बिना किसी कारण वजन कम होना।
- खाना खाते समय जीभ हिलाने में भी दर्द महसूस होना।
- खांसी में खून आना।
यदि इनमे से कोई भी समस्या है या लक्षण है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
गले में कैंसर का कारण !
- गले में कैंसर का मुख्य कारण धुम्रपान और तम्बाकू,बीडी,सिगरेट आदि का सेवन है ,जो लोग इसका सेवन करते हैं उन्हें थ्रोट कैंसर होने का ज्यादा खतरा रहता है।
- प्रदूषित वातावरण में रहना भी थ्रोट कैंसर का एक कारण हो सकता है।
- दांत और मुहं का ठीक से देखभाल ना करना, बदबू आने पर भी नजर अंदाज़ करना।
- विटामिन ‘ए’ की कमी भी इसका एक कारण हो सकता है।
- यदि परिवार में पहले किसी को ये बिमारी है तो अगली पीढ़ी को भी हो सकती है।