
हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में माना जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे ब्रेन ट्यूमर के प्रति लोगों को जागरूक करने और इस खतरनाक बीमारी के बारे में लोगों को शिक्षित करना है। ताकि लोग इस बीमारी के शुरुआती लक्षण में ही अपना चेकअप कराएं और एक लंबी जिंदगी जी सकें। हर साल लगभग 40000 से 50000 लोगों को ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है, जिसमें से 20% बच्चे होते हैं। जिन्हें ब्रेन ट्यूमर की शिकायत होती है। ब्रेन टयूमर एक ऐसी घातक बीमारी है जो कि अब भी एक चिंता का विषय बना हुआ है।
ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसकी पहचान और उपचार जितनी जल्दी हो सके किया जाना चाहिए। कई लोगों के मन में यह धारणा होती है कि ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव नहीं है, लेकिन आजकल आधुनिक चिकित्सा ने बहुत ज्यादा उन्नति कर लिया है। जिससे ब्रेन ट्यूमर का इलाज आसान है। तब तक जब तक वो विकराल रूप धारण ना कर सके, इसलिए जितनी जल्दी हो सके इसकी पहचान कर इसका इलाज करा लेना चाहिए। ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बिमारी है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है। हमारे मस्तिष्क एक खोपड़ी के अंदर होता है जो कि बहुत मजबूत है कठोर है, अगर इस खोपड़ी के अंदर कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। ब्रेन ट्यूमर 2 प्रकार के होते हैं।
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कैंसर संबंधी ट्यूमर
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कैंसर मुक्त ब्रेन टयूमर
ब्रेन ट्यूमर जब मस्तिष्क से शुरू होता है तो उसे प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। यदि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों से शुरू होकर मस्तिष्क तक पहुंचता है, तब इस प्रकार से होने वाले ब्रेन ट्यूमर को सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। ये हमारे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
अगर आपको लगातार सिर में दर्द, उल्टी होना और शारीरिक संतुलन में कमी नजर आती है या महसूस होती है, तो इस चीज को बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें। यह ब्रेन ट्यूमर जैसी बड़ी और खतरनाक बीमारी का लक्षण हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर में दिमाग की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जो की घातक सिद्ध हो सकता है। ब्रेन टयूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसके जोखिम भी बढ़ते जाते हैं। जब भी ट्यूमर बड़ा हो जाता है और स्वास्थ्य पूरी तरह बिगड़ जाता है, तब लोग चेकअप करवाते हैं और इसका पता चलता है। अच्छा यही होगा की शुरुआती लक्षण को ध्यान में रखकर हम चेकअप कराएं और इस बीमारी के बड़ा बनने से पहले इसका इलाज शुरू कर दें, ताकि बिना कोई रिस्क के इसका इलाज संभव हो सके।
ब्रेन ट्यूमर का लक्षण
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- सिर में दर्द होता हैऔर इसके बाद दिनभर यह दर्द लगातार और तेज होता जाता है। अगर ऐसी कोई समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से चेकउप कराएं।
- उल्टी का मन होना या उल्टी आना। अगर कोई व्यक्ति एक जगह से दूसरे जगह जाता है तो उसको चक्कर के साथ उल्टी का भी मन होता है।
- अगर किसी को सुनने में दिक्कत आ रही है। कभी-कभी कम सुनाई देना या कई बार सुनाई देना बिल्कुल बंद हो जाता है, तो समझ लीजिए यह बड़ी-बड़ी और गंभीर बीमारी के लक्षण भी हो सकता है
- हमारी कोशिकाएं इस कदर प्रभावित होती हैं कि, हमें अपने रोजमर्रा के कामों के लिए भी परेशान होना पड़ता है। टॉयलेट जाना, पानी पीना, खाना खाना आदि।
- व्यक्ति को दौरा पड़ता है। अगर आपको भी दौरे की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा पड़ता है,तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- बोलने में परेशानी ब्रेन टयूमर में आपको सुनने की तरह बोलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर कोई बात आप बोलना चाहते हैं या तो आप से बोला नहीं जाएगा या उसका सही उच्चारण नहीं किया जाएगा। यह भी ब्रेन ट्यूमर का 1 लक्षण होता है।
- जब किसी को ब्रेन टयूमर होता है तो उसके ऑक्सी पिटल के आसपास टयूमर होता है। इस कारण उसे चीजें कम दिखाई देती हैं या उन्हें धंधा दिखाई देने लगता है। रंग और चीजों को पहचानने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, ये भी ब्रेन ट्यूमर का लक्षण है।
ब्रेन ट्यूमर होने के कारण
हर टयूमर में कैंसर हो यह जरूरी नहीं, लेकिन कैंसर में ट्यूमर हो सकता है। ये कितने खतरनाक हैं इस बात पर डिपेंड करता है कि वह खाली ट्यूमर है या कैंसरयुक्त ट्यूमर है। इसलिए डॉक्टर मरीजों को बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 साल से ज्यादा समय तक अगर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें तो इससे भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा रहता है, लेकिन इस बारे में सभी के विचार अलग-अलग हैं यह एकमत नहीं है।
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ब्रेन ट्यूमर का उपचार 
ब्रेन ट्यूमर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी आदि से होता है। लेकिन ओपन सर्जरी में मस्तिष्क के अंदरूनी रक्तस्त्राव,यादाश्त में कमी जैसे संक्रमण होने के पूरे-पूरे चांस रहते हैं। इन दिनों ब्रेन ट्यूमर को हटाना और रोगी के जीवन को बढ़ाने के कई तरीके आ चुके हैं। नाक के द्वारा भी ब्रेन ट्यूमर का इलाज बिना खोपड़ी खोलें किया जा सकता है।
ब्रेन ट्यूमर उन्हें होता है जो लोग हानिकारक विकिरण के संपर्क में आते हैं, जैसे परमाणु ऊर्जा संयंत्र की घटनाएं, परमाणु का हमला के संपर्क में आते हैं ऐसे लोगों को ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा ज्यादा रहता है।
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ब्रेन ट्यूमर को दो श्रेणियों में बांटा जाता है जो ट्यूमर सीधे मस्तिष्क में होते हैं उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है, और जो शरीर के दूसरे भाग से मस्तिष्क में फैल जाते हैं उन्हें सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर आमतौर पर युवाओं में ज्यादा देखा जाता है। इसका इलाज कीमोथेरेपी से या सर्जिकल तकनीक से होगा। किससे होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि, आपका ट्यूमर कितना बड़ा है या कितना फैला है।
इसके अलावा बिनाइन ट्यूमर होते हैं जो आमतौर पर बुजुर्गों में पाए जाते हैं। इसका इलाज भी ट्यूमर के आकार को देखकर किया जाता है। अगर रोगी के ब्रेन ट्यूमर का जल्द पता चल जाए तो दवाओं और आधुनिक थेरेपी जैसे माइक्रो सर्जरी, इमेज गाइडेड सर्जरी, एंडोस्कोपिक सर्जरी से इस बीमारी को ठीक किया जाता है।