
हाल ही में हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हुआ, वो लम्बे समय से बीमार थे और उन्हें कई गंभीर बीमारियां भी थी। इन्हीं बीमारियों में एक डिमेंशिया भी था। वैसे डिमेंशिया कोई बिमारी नहीं है, बल्कि किसी बिमारी में आये कई सारे लक्षणों को डिमेंशिया कहते हैं। इसमें इंसान के सोचने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। कोई बात भूल जाना,कोई चीज किसी जगह पर रखकर भूल जाना आदि। उम्र बढ़ने के साथ-साथ डिमेंशिया होने के चांचेस और बढ़ते जाते हैं, खासकर 65+ के बाद। कभी-कभी ये इतना खतरनाक हो जाता है की मरीज को अपने रोजमर्रा के काम के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 47 करोड़ लोग इसकी चपेट में हैं और हर 5 सेकंड में एक नया केस सामने आ रहा है।
डिमेंशिया के लक्षण
- एक ही चीज के बारे में बार-बार पूछना ।
- किसी पुरानी जानी-पहचानी सड़क या गली को भी भूल जाना।
- गलत ढंग के कपडे पहनना।
- 1 घंटा पहले हुई घटना को भी भूल जाना।
- बोलने में भी परेशानी, किस चीज के लिए क्या शब्द यूज करना समझ नहीं आता।
- अपने आप हँसना,रोना,चिडचिडा रहना।
- अकेलेपन में रहना, लोगों से मेलजोल ना बढ़ाना।
- नोट पहचानने में भी दिक्कत, पैसे ना गिन पाना ।
- छोटी-छोटी बात पर गुस्सा होना
ऐसा नहीं है की डिमेंशिया सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों को ही हो सकता है। ये 30 और 40 उम्र के लोगों को भी हो सकता है, लेकीन इनके बहुत कम मामले होते हैं। 65+ उम्र के लोगों को वैसे भी यादाश्त सम्बन्धी दिक्कत आती है, ऐसे में अगर उन्हें डिमेंशिया हो जाए तो घरवाले समझते हैं की ये उम्र का असर है। ये सोचकर उनका इलाज करने के बजाये उनकी सेवा में लग जाते हैं।
लेकिन अगर घर में किसी को इसकी जानकारी है तो, इलाज हो जाता है। डिमेंशिया के बारे में अगर डॉक्टर को ना बताया जाए तो वो भी इसपर ध्यान नहीं देते हैं और सिंपल सी दवाई दे कर उम्र का कारण बताते हैं।
डिमेंशिया होने के कारण
- सिर में गंभीर चोट लगना ।
- मस्तिस्क की किसी ट्यूमर के कारण ।
- ज्यादा शराब के कारण या ज्यादा दिनों तक धुम्रपान करने के कारण बाद के उम्र में इसके होने का खतरा बढ़ जाता है।
- अल्जाइमर रोग के कारण ।
- हार्ट से सम्बंधित बिमारी होने से भी डिमेंशिया हो सकता है ।
- डाईबिटीज टाइप 2 के कारण भी ये हो सकता है ।
डिमेंशिया के लिए टेस्ट
- इसके लिए सीटी स्कैन(CT scane ),एमआरआई (MRI),और ब्रेन ट्यूमर की भी जाँच की जाती है।
- ब्लड टेस्ट से भी इसकी जानकारी पायी जा सकती है ।
- MMSE(मिनी मेंटल स्टेट एग्जामिनेशन) की जाँच की जाती है। इसमें मरीज से मानसिक सम्बन्धी कुछ सवाल पूछे जाते हैं। जिससे उसकी मानसिक स्थिति का पता चल सके और उसी के अनुसार इलाज हो ।
डिमेंशिया का इलाज और बचाव
- डिमेंशिया में मस्तिष्क के सेल्स मर जाते हैं, उन्हें तो ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन बाकी बचे सेल्स को कोई नुक्सान ना हो इसलिए दवाई दी जाती है।
- चूँकि ये मानसिक बीमारी है, इसलिए ऐसी दवाई दी जाती है जिससे मानसिक उत्तेजना और बैचेनी ना आये।
- हरी सब्जिया,फल,विटामिन,कार्बोहाइड्रेट,पोटेशियम आदि का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। जिससे मानसिक मजबूती आये और दिमाग भी स्वस्थ रहे ।
- रोजाना थोडा-बहुत व्यायम भी करें। इससे शरीर तो स्वस्थ रहेगा ही मानसिक शांति भी मिलेगी।
- रोजाना कुछ देर तक किसी एक चीज पर टक-टकी लगा कर देखते रहें। जिससे ध्यान एक ही जगह पर केन्द्रित हो और मानसिक मजबूती आये ।
- धुम्रपान से बचें यही आगे चलकर डिमेंशिया का कारण भी बन सकता है ।