
दिन भर सोना और रात को जागना यही नवजात बच्चों का रूटीन सा बन जाता है। ज्यादातर बच्चे हैं रात को ही जागते और खेलते हैं। बच्चों की इन आदत से माता-पिता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खासकर उन्हें जो अभी-अभी माता पिता बने हैं। बच्चे की इस अनियमित नींद के कारण माता-पिता की भी नींद पूरी नहीं हो पाती उन्हें नींद की कमी महसूस होने लगती है। दिन भर काम के बाद जब माता-पिता सोने जाते हैं, तब बच्चों का जागने और खेलने का टाइम शुरू होता है। ऐसे बच्चों को सुलाना माता-पिता के लिए एक सिरदर्द सा बन जाता है। पूरी रात माता-पिता को बच्चे के साथ जागकर बिताना पड़ता है। बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जो गोद में तो सोते हैं, लेकिन अगर उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया जाए तो तुरंत जाग जाते हैं। ऐसे बच्चों के लिए अगर आप कुछ चीजों का ध्यान रखेंगे तो आपको इन्हें सुलाने में मददगार साबित होगा।इससे आपकी भी नींद पूरी न होने की समस्या सुलझ जायेगी।
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बच्चे की अच्छे से मालिश करें
नवजात शिशु को अच्छे से मालिश करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बच्चा दिन भर खेलता है। नवजात शिशु दिन में 15 से 16 घंटे सोते हैं जिससे उनके सारा शरीर दर्द हो सकता है। अगर नवजात का सही से मालिश की जाए तो उन्हें भरपूर नींद आती है। अगर नहाने के तुरंत बाद बच्चे की मालिश की जाए तो ये बहुत ही अच्छी बात है। इससे बच्चा भी रिलैक्स महसूस करता है। ऐसे बच्चे रात को भी भरपूर नींद लेते हैं।
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बच्चे को भूख लगा हो 
हो सकता है कि बच्चे को भूख लगा हो जिस कारण भी बच्चे ठीक से सो नहीं पाते हैं, इसलिए सोने से पहले यह निश्चित कर लें कि बच्चे का पेट अच्छे से भरा हुआ है। ताकि जब भी वह सोए रिलैक्स होकर गहरी नींद में सोए। अगर बच्चा नींद से उठ कर रोने लगे तो समझ लीजिए कि उसे भूख लगी है, क्योंकि बच्चा दिनभर सोता है, इसलिए मां का दूध भी जल्दी पच जाता है।बच्चे का पेट छोटा होता है इसलिए उसे जल्दी ही भूख लग जाती है। ऐसे बच्चों का भूख के कारण नींद खुल जाती है, और बच्चे नींद में उठकर रोने लगते हैं। आप बच्चों को जितनी जल्दी दूध पिलाएंगे बच्चा उतनी ही जल्दी सोएगा। अगर बच्चा 1 साल के आसपास है तो उसे चावल और दाल मिलाकर खाने को दे सकते हैं,जिससे कि उसका पेट भरा रहे और बच्चा एक बेहतर नींद ले सके।
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तबियत खराब हो सकता है
किसी भी कारण से यदि बच्चे की तबीयत खराब है तो भी बच्चे सोने में आनाकानी करते हैं। अगर बच्चे को आपने सुलाने की हर कोशिश कर लिया और फिर भी बच्चा नहीं सो रहा है तो इसका मतलब है कि बच्चे को किसी प्रकार की शारीरिक समस्या हो सकती है। उसकी तबीयत खराब हो सकती है या वह और कुछ दिक्कत महसूस करता हो, जिस कारण उसका पेट भरे होने के बावजूद भी वह सो नहीं पा रहा। अगर आप भी ये महसूस कर रहे हैं, तो शिशु को डॉक्टर को दिखाएं। ताकि अगर उसे कोई शारीरिक परेशानी है तो उसका इलाज हो और वह और आप दोनों रात में चैन की नींद सो सकें।
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बच्चे के साथ सोएं
अगर आप अभी-अभी माता-पिता बने हैं और नहीं जानते की बच्चे को कैसे सुलाना है तो इस बात का ध्यान रखें कि जब बच्चा सोये आप भी बच्चे के पास ही कुछ देर लेट जाएं, ताकि बच्चा बेखौफ होकर सो सके। ज्यादातर छोटे बच्चों की हल्की सी आहट से डरकर नींद टूट जाती है। जब कुछ देर बाद बच्चा गहरी नींद में सो जाए तब आप उठ सकते हैं। उनके आसपास आप कोई भी तकिया या कोई टॉय रख सकते हैं ताकि अगर बच्चा नींद में भी डर जाए तो उसे आपकी कमी महसूस ना हो और वह चैन की नींद सोता रहे। आधी नींद में बीच में जागने पर बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है।